हीरा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ द्वारा जारी आधिकारिक सार्वजनिक सूचना
नई दिल्ली (एम रहमान अजीज) हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज जो पिछले 20 वर्षों से गरीबों, जरूरतमंदों और बेसहारा लोगों की सेवा कर रही है। पिछले कुछ सालों से कंपनी की स्थिति खराब चल रही थी, जिसके पीछे कुछ राजनीतिक नेता और कुछ भू-माफिया शामिल हैं। भगवान का शुक्र है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सारे फैसले हीरा ग्रुप के पक्ष में आ रहे हैं. हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज को किसी परिचय की जरूरत नहीं है, कंपनी का परिचालन विश्वस्तरीय है, इसलिए कर्मचारियों की संख्या भी बड़ी है। पिछले वर्षों में कंपनी में कुछ विश्वासघाती तत्वों ने जगह बना ली थी, जिनके नाम मुहम्मद मुनीब (उर्फ अब्दुल्ला) और मुहम्मद अकील (उर्फ राशिद) हैं। ये दोनों डॉ. नोहेरा शेख के बाज़ू बनकर रहते थे, लेकिन कंपनी में इनकी पूरी भागीदारी कंपनी के साथ ईमानदारी नहीं बल्कि गद्दारी थी। वह हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम कर रहे थे। हीरा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ ने हाल ही में "हीरा डिजिटल गोल्ड” नाम से अपना नया व्यवसाय लॉन्च किया जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस व्यवसाय का उद्देश्य लोगों को पैसे के बदले डिजिटल सोना उपलब्ध कराना था। कंपनी का व्यवसाय अच्छे रास्ते पर था, लेकिन फिर मुहम्मद मुनीब (उर्फ अब्दुल्ला) और मुहम्मद अकील (उर्फ राशिद) ने कंपनी के खाते को हटा कर उस में अपना निजी खाता जोड़ा और चोरी करना शुरू कर दिया। अपना खाता जोड़ने का उनका उद्देश्य यह था कि जो भी सोना खरीदेगा, उसका पैसा इन दोनों गद्दारों के खाते में आ जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि हर चोर का एक दिन ऐसा आता है जब वह बेनकाब हो जाता है, इसलिए उनका मामला लंबे समय तक नहीं चला और कंपनी को उन दोनों अर्थात् मुहम्मद मुनीब (उर्फ अब्दुल्ला) और मुहम्मद अकील (उर्फ राशिद) के विश्वासघात के बारे में पता चल गया और उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया। हाल ही में हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने इन दोनों गद्दारों मुहम्मद मुनीब (उर्फ अब्दुल्ला) और मुहम्मद अकील (उर्फ राशिद) के खिलाफ एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है और लोगों को बताया है कि उनका इरादा क्या है। जिससे लोग अब इनके प्रति जागरूक होंगे। एक बात बता दूं कि ये दोनों, मुहम्मद मुनीब (उर्फ अब्दुल्ला) और मुहम्मद अकील (उर्फ राशिद) हीरा ग्रुप के दुश्मनों द्वारा भेजे गए एजेंट थे, जो कंपनी के दुश्मनों तक सारी खबरें और सूचनाएं पहुंचाते थे। हीरा ग्रुप ने अपने नोटिस में कहा है कि "यह नोटिस निम्नलिखित व्यक्तियों मुहम्मद मुनीब (उर्फ अब्दुल्ला) और मुहम्मद अकील (उर्फ राशिद), को स्पष्ट करने के लिए सार्वजनिक हित में हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज द्वारा जारी किया गया है। जिस में दोनों , शिमोगा, कर्नाटक के निवासी हैं 2021 में, कंपनी हमारे परिचालन को बढ़ाने के उद्देश्य से एक सॉफ्टवेयर समाधान का प्रस्ताव देने के लिए मुझसे संपर्क किया गया था। उनके प्रारंभिक सुझावों और उनके योगदान के मूल्य के आधार पर, इन व्यक्तियों को सॉफ़्टवेयर से संबंधित कुछ सेवाओं के लिए ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गईं और उन्होंने डेटा प्राप्त किया। उन्होंने हीरा समूह का प्रतिनिधित्व करने की आड़ में वित्तीय लाभ प्राप्त करना शुरू कर दिया और कंपनी पर नियंत्रण पाने के प्रयास में जाली दस्तावेज़ बनाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने डॉ. नौहेरा शेख के साथ पारिवारिक संबंधों के झूठे दावे फैलाए और खुद को उनका उत्तराधिकारी बताया। इन अनैतिक गतिविधियों का पता चलने पर, हीरा ग्रुप ने तुरंत उनके कर्तव्यों को समाप्त कर दिया। अपनी बर्खास्तगी के बाद, वह कंपनी से जबरन वसूली के प्रयासों में शामिल हो गया, धमकियों, ब्लैकमेल और सीईओ के निजी आवास सहित अतिक्रमण का सहारा लिया। 26 अक्टूबर, 2024 को, इन लोगों ने कथित तौर पर एक सशस्त्र समूह के साथ सीईओ के निजी आवास में प्रवेश किया और संपत्ति के दस्तावेजों तक पहुंच की मांग करने का प्रयास किया, हीरा ग्रुप ने जनता को सलाह दी कि वह किसी भी सौदे में शामिल होने से बचें या कंपनी या डॉ. नोहेरा शेख की ओर से इन व्यक्तियों के साथ समझौते की शकल में हीरा ग्रुप या डॉ. नौहेरा शेख इन व्यक्तियों के साथ किसी भी जुड़ाव से होने वाले जीवन या संपत्ति को होने वाले किसी भी नुकसान या चोट के लिए उत्तरदायी नहीं होंगी ।