चण्डीगढ़, – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वकालत केवल एक पेशा नहीं, बल्कि यह जनसेवा का माध्यम है और वकील देश की न्यायप्रणाली में योगदान देकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। वकालत का क्षेत्र केवल कानून के ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि अच्छी सोच वाले वकील समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को न्याय दिलाने में अपनी भूमिका निभाते है।मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने यह बात चण्डीगढ़ स्थित लॉ भवन में हरियाणा एवं पंजाब बार कौसिंल द्वारा आयोजित नये वकीलों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 1145 नये वकीलों को शपथ दिलवाई और उन्हें लाइसेंस प्रदान किए।आजाद भारत ने 7 दशक के बाद गुलामी के समय के 3 अवांछित कानूनों से पाई मुक्ति श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रवादी विजन का परिणाम है कि आजाद भारत ने 7 दशक के बाद गुलामी के समय बनाए गए और वर्तमान में अवांछित 3 कानूनों से मुक्ति पाई है। उन्होंने सभी नये वकीलों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे नए कानूनों के बारे में आम जनता को जागरूक करने में भी सहयोग करें। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 3 नए आपराधिक कानून बनाने के अलावा लगभग 1600 ऐसे कानूनों को समाप्त किया है जिनकी वर्तमान में कोई व्यवहार्यता नहीं है। हरियाणा में भी 175 अनावश्यक कानूनों की पहचान की है, इनमें से 28 को निरस्त किया जा चुका है।नए कानूनों को लागू करने के लिए प्रशिक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, व तकनीक के विकास, जन-जागरूकता पर किया निरंतर काम मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए तीनों नए कानूनों को लागू करने के लिए प्रशिक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, व तकनीक के विकास, जन-जागरूकता आदि के लिए निरंतर काम किया जा रहा है और नये आपराधिक कानूनों को कारगर ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं। इन नए कानूनों के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए लगभग 300 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। साथ ही , 43 हजार से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को 3 नये कानूनों के बारे में प्रशिक्षण दिया है। इनमें लगभग 10 हजार अनुसंधान अधिकारी भी शामिल हैं। प्रदेश की सभी 97 प्रयोगशालाओं के विशेषज्ञों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश के सभी 555 न्यायिक अधिकारियों को भी तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है और सभी 2,167 जेल अधिकारियों व कर्मचारियों व सभी 741 लोक अभियोजकों को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है।