अकील और मुनीब नाम के गद्दारों का पर्दाफाश
नई दिल्ली (रिपोर्ट: मतीउर रहमान अज़ीज़) समाज में सत्य और न्याय के वाहकों के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेषकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक बेहतरी, शैक्षिक उन्नति और महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया है। ऐसी ही एक साहसी, हिम्मतवर और निडर महिला हैं विद्वान डॉ. नौहेरा शेख, जिन्होंने न केवल व्यवसाय में सफलता हासिल की है, बल्कि समाज में दलितों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अद्वितीय सेवाएं भी प्रदान की हैं। हालाँकि, जो लोग सत्य के मार्ग पर चलते हैं उन्हें सदैव षड्यंत्रों, बाधाओं और बदनामी का सामना करना पड़ता है। एक साहसिक कानूनी कदम उठाते हुए, स्कॉलर डॉ. नोहेरा शेख ने मुहम्मद अकील के खिलाफ एक कड़ा कानूनी नोटिस जारी किया है, जिसमें उन पर सोशल मीडिया पर दुर्भावनापूर्ण, झूठे और निराधार आरोप लगाकर स्कॉलर डॉ. नोहेरा शेख की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है। यह नोटिस 20 दिसंबर 2024 को जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि अकील और मुनीब द्वारा विभिन्न वीडियो और बयानों के माध्यम से लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे, भ्रामक और कानूनी सबूतों से रहित हैं।
कानूनी नोटिस का विवरण: स्कॉलर डॉ. नोहेरा शेख की कानूनी टीम ने मुहम्मद अकील और मुहम्मद मुनीब को अपने सभी झूठे बयान वापस लेने, सार्वजनिक माफी जारी करने और सात दिनों के भीतर सभी वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का आदेश दिया है। अन्यथा उनके विरुद्ध आपराधिक एवं दीवानी मामले दर्ज किए जाएंगे, जिनमें मानहानि, साइबर अपराध तथा वित्तीय एवं मानसिक क्षति के लिए भारी हर्जाना शामिल होगा। नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अकील और मुनीब का यह कृत्य न केवल डॉ. नौहेरा शेख की व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रतिष्ठा को प्रभावित करने का प्रयास है, बल्कि यह समाज में अविश्वास, अराजकता और गुमराह करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास भी है।
डॉ. नोहेरा शेख पर एक नजर: डॉ. नोहेरा शेख हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज की संस्थापक और सीईओ हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत, ईमानदारी और समर्पण के साथ अपना व्यवसाय बढ़ाया है। उनका संगठन केवल वाणिज्यिक गतिविधियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, महिलाओं के लिए रोजगार, अनाथ लड़कियों के प्रायोजन और धार्मिक एवं नैतिक शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने अखिल भारतीय महिला सशक्तिकरण पार्टी की स्थापना करके महिलाओं को एक राजनीतिक मंच प्रदान किया, जहां हजारों महिलाओं ने अपनी आवाज उठाई। वह कहती हैं, "मेरा लक्ष्य सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं है, बल्कि महिलाओं को वह स्थान दिलाना है जिसकी वे हकदार हैं।”
बदनामी की साजिश: कानूनी नोटिस में यह भी कहा गया है कि मुहम्मद अकील और मुहम्मद मुनीब द्वारा लगाए गए आरोप, जैसे निवेशकों के पैसे का गबन, जनता को धोखा देना या वित्तीय अनियमितताएं, न केवल झूठे हैं बल्कि पूरी तरह से सुनियोजित साजिश का हिस्सा हैं। इन आरोपों का उद्देश्य डॉ. नोहेरा शेख के चल रहे धर्मार्थ और संगठनात्मक कार्यों को नुकसान पहुंचाना और उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करना है। कानूनी टीम के अनुसार, मुहम्मद अकील और मुहम्मद मुनीब ने जनता के बीच झूठे वीडियो और सामग्री प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया। उन्होंने न केवल झूठी सूचना फैलाई बल्कि इसका इस्तेमाल जनता की भावनाओं को भड़काने के लिए भी किया, जो भारतीय दंड संहिता के तहत एक गंभीर अपराध है। जन समर्थन: जैसे ही यह मामला प्रकाश में आया, सोशल मीडिया पर जन समर्थन की आंधी आ गई। डॉ. नौहेरा शेख के पक्ष में हजारों लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा: "डॉ. नोव्हेरा हमारी नेता हैं। उनके खिलाफ झूठ बोलकर, उन्होंने जिन महिलाओं को सशक्त बनाया है, उन सभी को निशाना बनाया जा रहा है।” कानूनी विशेषज्ञों की राय: प्रमुख वकीलों का कहना है कि यह नोटिस सिर्फ एक व्यक्ति को रोकने के लिए नहीं है बल्कि यह एक सामाजिक संदेश है कि झूठ, बदनामी और चरित्र हनन को अब कानून के जरिए चुनौती दी जाएगी। यह कदम अन्य व्यापारिक, राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा।
एक वरिष्ठ वकील ने कहा: "अब समय आ गया है कि हम सत्य को प्राथमिकता दें। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि हम किसी के सम्मान को कुचलें।” डॉ. नौहेरा का रुख: मीडिया से बात करते हुए डॉ. नौहेरा शेख ने कहा: "मैंने हमेशा कानून का रास्ता अपनाया है और आगे भी अपना रास्ता अपनाऊंगी। मेरे जीवन का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। मैं किसी को भी झूठ बोलकर अपने मिशन को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दूंगी।” उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा, उनका काम और लोगों का उन पर भरोसा उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं और वह हर कीमत पर सच्चाई की रक्षा करेंगी। अंत में: अब सबकी निगाहें मुहम्मद अकील पर हैं कि वह इस नोटिस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। यदि वे निर्धारित समय के भीतर माफी नहीं मांगते और सामग्री नहीं हटाते तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर, डॉ. नोहेरा शेख अपनी कल्याणकारी, शैक्षिक और राजनीतिक गतिविधियों में पहले से कहीं अधिक सक्रिय हो गई हैं। उनके इस साहसिक कदम से न केवल उन्हें कानूनी संरक्षण मिला बल्कि लोगों के दिलों में उनका स्थान भी ऊंचा हो गया।