उच्चायोगों और सरकारी अधिकारियों के समक्ष शिकायत दर्ज
नई दिल्ली, 20 सितंबर, (प्रेस विज्ञप्ति) भारत के शीर्ष अधिकारियों, अर्थात् प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री श्री अमित शाह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णो, श्रम एवं अधिकारिता मंत्री श्री मनसुख मंडाविया और भारत में स्थित उच्चायोगों, जिनमें भारत में कनाडा का उच्चायोग, ब्रिटिश उच्चायोग और संयुक्त राज्य अमेरिका का दूतावास और इस के अलावा इन देशों में स्थित भारत की हाई कमीशन के समक्ष शिकायत दर्ज करा दी गई है। आशा है कि इन सभी शिकायतों का शीघ्र ही समाधान हो जाएगा और भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने की दिशा में यह एक ठोस कदम होगा।
जानकारी के अनुसार, दैनिक उजाला पंजाब के प्रधान संपादक मंजीत सिंह ने हमसे ईमेल के माध्यम से संपर्क किया और कहा कि हम भारत में अपने समाचार पत्र प्रोजेक्ट के बारे में बात करना चाहते हैं। बातचीत करने पर पता चला कि हमें अखबार की पेज मेकिंग करवानी थी। थोड़ी सलाह-मशविरा के बाद, आठ लोगों की एक टीम ने उजाला पंजाब के उर्दू, अंग्रेजी संस्करणों पर काम शुरू कर दिया। चूँकि पत्रकारिता जैसे पेशे में धोखाधड़ी का ऐसा मामला अभी तक नहीं हुआ था, इसलिए शक की कोई गुंजाइश नहीं थी। संपादक ने कोई एडवांस पेमेंट भी नहीं मांगी। महीनों काम करने और टालमटोल करने के बाद, जब उनसे पैसे देने को कहा गया ताकि आगे काम जारी रखा जा सके, तो मंजीत सिंह ने अकाउंट नंबर भी मांग लिया। बैंक अकाउंट देने के बाद, मंजीत सिंह महीनों तक फर्जी ट्रांसफर इनवॉइस भेजता रहा ताकि ऑपरेटर ज़्यादा दिन काम कर सकें, और आरबीआई की गाइडलाइन्स की बात करता रहा। पूछने पर उसे बार-बार यही कहा जाता रहा कि कुछ दिनों में पैसे अकाउंट में आ जाएँगे, अगर नहीं आए तो वह अपने भाई (उस के मुताबिक़ जो की आईएस ऑफिसर है) पंजाब से पैसे भेज देगा। इस तरह, महीनों बीत गए, जिससे ऑपरेटरों को यह कहते हुए काम बंद करना पड़ा कि जब पैसे नहीं दिए जा रहे हैं, तो काम जारी रखने का कोई मतलब नहीं है। महीनों तक मंजीत सिंह ने कई बार काम शुरू करने की कोशिश की और कहा कि पैसे आ जाएंगे, लेकिन अभी तक कोई पैसा नहीं मिला है। जब मंजीत सिंह को पूरा विश्वास हो गया कि ऑपरेटर बिना पैसे दिए काम नहीं करेंगे, तो उन्होंने ऑपरेटरों की टीम के सभी लोगों के नंबर ब्लॉक कर दिए ताकि कोई उनसे संपर्क न कर सके। गौरतलब है कि उजाला पंजाब के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले मंजीत सिंह ने बाकायदा सहमति पत्र भी भेजा था। मंजीत सिंह का जन्म पंजाब के एक शहर में हुआ था और वह कनाडा की नागरिकता लेने के बाद वहीं से यह फर्जीवाड़ा कर रहा है और अपने अखबारों के पेज बनाने का काम भारत और अन्य देशों के ऑपरेटरों से करवा रहा है।